चौरसिया जाति का इतिहास, Who is Chaurasia जानें सम्पूर्ण जानकारी चौरसिया के बारे में
अगर आप सच्चे चौरसिया हैं तो आपको इस पोस्ट को अपने सभी मित्रों और रिश्तेदारों के पास शेयर करना है ताकि सभी को चौरसिया के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके और आप नीचे सर्च के बटन पर क्लिक करके चौरसिया जाति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं :–
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चौरसिया :–
चौरसिया जाति का इतिहास बहुत ही पुराना है. चौरसिया नामक शब्द चौरसी नामक ऋषि के नाम पर पड़ा हुआ माना जाता है .
चुकी हम जानते हैं कि चौरसिया जाति के लोगों का मुख्य व्यवसाय पान की खेती करना और उन्हें बेचना है और पान का महत्व आदि काल से पूरे पृथ्वी पर सदियों से रहा है अतः यह कहा जा सकता है कि जब से इस पृथ्वी पर पान की खेती प्रारंभ हुई है तभी से चौरसिया जाति इस पृथ्वी पर मौजूद रहा है.
चौरसिया जाति की उत्पति :–
चौरसिया जाति की उत्पत्ति के बारे में कई सारी कहानियां प्रचलित है जिसमें से कुछ कहानियां निम्न प्रकार से है :–
चौरसिया जाति की उत्पत्ति नाग कन्या के माध्यम से माना जाता है .
ऐसी कहानी प्रचलित है कि एक बार पृथ्वी पर इस यज्ञ होना था चुकी यज्ञ में पान की एक महत्तपूर्ण
विशेषता होती है अतः पान की बहुत बडी जरूरत मालुम हुई .
उस समय तक पान पाताल लोक में ( नाग लोक ) पाया जाता था , अब सभी लोगो के सामने सबसे बड़ी समस्या ये थी कि आखिर पान लाने कौन जाएगा .
आखिरी में ये फैसला लिया गया कि नाग लोक से पान लाने का काम चौरसी नामक ऋषि मुनि के द्वारा किया जाएगा.
जब चौरसी जी पाताल लोक पहुंचे तो उन्हें पान की प्राप्ति तो हो गई लेकीन अंत में नागराज ने अपनी कन्या का विवाह चौरसी ऋषि मुनि से कर दिया और दोनों लोग साथ–साथ पान लेकर पृथ्वी लोक पुनः वापस लौट आए.
अब चौरसी नामक ऋषि और उस नाग कन्या से जो भी संतान उत्पन्न हुआ उन्हें चौरसिया कहा गया .
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बरई जाति की उपजातियां :–
बरई जाति के अंदर मुख्य रूप ये निम्न 7 जातियां आती है –
चौरसीया , कश्यप , भरद्वाज , तमोली , शर्मा , गौरहर , वर्मा
लेकीन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चौरसिया को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है और इन सभी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हमारे Youtube Channel पर मिल जायेगी ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 🔴👉 LINK
चौरसिया जाति के लोगों का मुख्य व्यवसाय पान की खेती होता है पान कई सारी औषधियों से भरपूर होता है अगर पान का सेवन किया जाए तो ये लाभदायक होता है लेकीन तम्बाकू वाले पान स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं.
चौरसिया जाति के लोगों का मुख्य त्योहार :–
चौरसिया जाति के लोगों का मुख्य त्योहार नाग पंचमी को माना जाता है क्योंकी चौरसिया की उत्पत्ति नाग कन्या से हुई है .
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नाग पंचमी को चौरसिया दिवस के रूप में भी मनाते हैं .
उस दिन नागों की सेवा विशेष रूप से की जाती है |
भारत में चौरसिया जाति की जनसंख्या :–
भारत में चुकी जातिगत कोई जनगणना नहीं की जाति है जिसके कारण ये पता लगाना की भारत में चौरसिया जाति की जनसंख्या कितनी है बहुत ही मुश्किल काम है .
लेकीन कुछ गणितीय अनुमानों के आधार पर भारत में चौरसिया जाति की जनसंख्या का अनुमान लगाया जा सकता है . इस अनुमान के अनुसार भारत में चौरसिया जाति के लोगों की जनसंख्या निम्न प्रकार से हो सकता है :–
उपरोक्त से स्पष्ट है कि भारत में चौरसिया की जनसंख्या लगभग 2 करोड़ से 2.5 करोड़ तक हो सकती है क्योंकी मुख्य 4 राज्यों के गणना की केवल बात करें तो वही पर लगभग 1.5 करोड़ जनसंख्या हो सकती है .
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चौरसिया जाति के लोगों की मुख्य कमी ये है कि इनमें एकता नहीं होता है ये लोग ब्राह्मणों की तरह एक जुट नहीं होते हैं .
चौरसिया जाति के अधिकांश लोगों में ये देखा गया है कि ये लोग आपस में एक दुसरे के प्रति जलन , द्वेष आदि की भावना रखते हैं .
चौरसिया जाति के लोगों में यह भी देखा गया है कि यह लोग दयालु भी होते हैं लेकिन दयालु के साथ-साथ चापलूस भी होते हैं अगर आपको चौरसिया जाति को आगे लेकर जाना है और समाज में एक अलग ही रुतबा चौरसिया जाति के लोगों का कायम करना है तो सभी चौरसिया भाई बंधुओं को एक होकर एक दृष्टिकोण के साथ है राष्ट्र निर्माण में और समाज उत्थान में सहायक होना है यदि आप अलग अलग रहते हैं तो इससे आपको ही नुकसान पहुंचेगा जिससे आपका लाभ अन्य लोग उठाते रहेंगे अतः चौरसिया जाति के लोगों का एकीकरण होना जरूरी है और एक साथ बिना किसी द्वेष भावना के सभी के कार्यों में सहयोग करके सभी के उत्थान में सहायक होना जरूरी है .
जैसा कि आपको पता है चौरसिया जाति के लोग अपने जाति के लोगों का सपोर्ट न करके अधिक धनवान लोगो का सपोर्ट करना पसंद करते हैं जिसके कारण अन्य लोग चौरसिया जाति को केवल आपस में लड़ाते रहते हैं.
अगर चौरसिया जाति का उत्थान करना है तो सभी चौरसिया जाति के लोगों को एक साथ मिल कर रहना चाहिए और अपने जाति के लोगों का सपोर्ट करना चाहिए जिससे चौरसिया जाति को बल मिल सकें .